Mangal Dosh puja

मंगल दोष या मांगलिक किसे कहते हैं?

ज्योतिष विज्ञान एक प्राचीन विज्ञान है जो मानता है कि ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। मंगल दोष या मांगलिक दोष भी इसी धारणा पर आधारित है। इसे ज्योतिष में एक प्रमुख ग्रह, मंगल के स्थिति के आधार पर परिभाषित किया जाता है। इस लेख में, हम मंगल दोष के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे, साथ ही इसके कारण, प्रभाव, और निवारण के उपायों पर भी चर्चा करेंगे।

मंगल दोष: एक परिचय

मंगल दोष को ज्योतिषीय दृष्टि से किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह के अनुपस्थिति या अशुभ स्थिति के रूप में परिभाषित किया जाता है। मंगल ग्रह को युद्ध का ग्रह माना जाता है और इसकी स्थिति का विशेष महत्व होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह के किसी खास स्थान पर दोषग्रस्त हो, तो उसे ‘मांगलिक’ माना जाता है।

मांगलिक कहाँ कहते हैं?

मांगलिक दोष के बारे में बहुत से लोगों की अज्ञानता या मिथकों की वजह से विवाद उत्पन्न होता है। कुछ लोग इसे एक मान्यता समझते हैं जबकि कुछ लोग इसे नकारात्मकता का परिणाम मानते हैं। हालांकि, धार्मिक और सामाजिक संदेशों के चलते इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, विशेषकर हिन्दू विवाह अनुष्ठान में। विवाह संस्कार में मांगलिक दोष का महत्व इतना है कि कई बार इसे दूसरे गुणों या योग्यताओं के साथ मिलाकर देखा जाता है।

मांगलिक दोष के कारण

मांगलिक दोष के कई कारण हो सकते हैं। मुख्यत: मंगल ग्रह के अशुभ स्थिति, उसके कुंडली में विपरीत गोचर, या विशेष योग जैसे कि चंद्र मंगल युद्ध, शनि-मंगल युद्ध आदि। इनके अतिरिक्त, कुंडली में अन्य ग्रहों के साथ मंगल की संयोगबद्ध योग भी मांगलिक दोष को उत्पन्न कर सकते हैं।

मांगलिक दोष का प्रभाव

मांगलिक दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर विभिन्न रूपों में हो सकता है। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं:

  1. विवाह और पारिवारिक जीवन: मांगलिक दोष वाले व्यक्ति का विवाह और पारिवारिक जीवन प्रभावित हो सकता है। धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से, मांगलिक दोष वाले व्यक्ति का विवाह एक दूसरे मांगलिक व्यक्ति के साथ होना सुनिश्चित किया जाता है। इसका उदाहरण है मांगलिक दोष निवारण के लिए कुंडली मिलान या दोष समाधान के लिए उपाय करना।
  2. रोमांचक और व्यक्तित्व: व्यक्ति के व्यक्तित्व पर भी मांगलिक दोष का प्रभाव हो सकता है। कुछ लोगों को गुस्सा, आग्रह, और उत्तेजना की अधिकता का सामना करना पड़ सकता है।
  3. स्वास्थ्य: कुछ लोगों का मानना है कि मांगलिक दोष वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।

मांगलिक दोष का निवारण

मांगलिक दोष का निवारण करने के कई उपाय हो सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. कुंडली मिलान: विवाह के पहले कुंडली मिलान करना मांगलिक दोष का एक प्रमुख उपाय है।
  2. मंगल स्तोत्र और मंत्र: मंगल स्तोत्र और मंत्र का जाप करना मांगलिक दोष को शांति प्रदान कर सकता है।
  3. धार्मिक उपाय: धार्मिक उपायों का पालन करना भी मांगलिक दोष को निवारण करने में मदद कर सकता है।
  4. ग्रह शांति पूजा: मंगल दोष को दूर करने के लिए ग्रह शांति पूजा करना भी एक उपाय हो सकता है।

मंगल दोष के प्रकार

मंगल दोष कई प्रकार का हो सकता है, जिसमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1. आन्तरिक मंगल दोष: यह दोष किसी व्यक्ति की व्यक्तित्विक या आंतरिक समस्याओं को संकेत कर सकता है। इसमें व्यक्ति के आंतरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के प्रति प्रभाव होता है।
  2. बाह्य मंगल दोष: यह दोष बाह्य समस्याओं को संकेत कर सकता है, जैसे कि आर्थिक संकट, व्यापार में असफलता, और सामाजिक संजीवनी में कमी।

मांगलिकता का अनुभव

अधिकांश लोगों के लिए, मांगलिकता का अनुभव उनके जीवन में समस्याओं के रूप में नहीं दिखाई देता है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए, मंगलिकता उनकी विवाहित जीवन, करियर, और समाज में अधिक चुनौतियों का कारण बन सकता है। इसके साथ ही, विभिन्न ज्योतिषिय दृष्टिकोणों से, मांगलिक दोष का निवारण करने के उपायों का पालन किया जा सकता है ताकि उनके जीवन में समृद्धि और शांति हो।

मंगलिक दोष की विशेषताएँ

मंगलिक दोष के कुछ मुख्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. मांगलिक योग: कुंडली में मंगलिक दोष के कारण योग हो सकता है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में उत्तेजना, आग्रह, और गुस्सा जैसी विशेषताओं को बढ़ा सकता है।
  2. संतान दोष: कुछ मांगलिक योग संतान के लिए भी अशुभ हो सकते हैं, जो वंश के निर्वाह को अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।

आजकल मांगलिक दोष की चर्चा विभिन्न सामाजिक मंचों और ज्योतिष विशेषज्ञों के बीच उत्तेजना का कारण बन गई है। ध्यान देने योग्य है कि धर्म और सामाजिक संदेशों के अतिरिक्त, हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि हमारे जीवन पर उत्पन्न होने वाले प्रभावों का अध्ययन करना और उन्हें समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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